आपदा राहत

आपदा राहत, किसी भी प्राकृतिक या मानवनिर्मित आपदा के पीड़ितों को सहायता प्रदान करने के लिए संगठित प्रयासों का समूह होता है। जब कोई आपदा, जैसे कि भूकंप, बाढ़, तूफान, आग, या अन्य घटनाएं होती हैं, तो इससे पीड़ित लोगों को त्वरित और आवश्यक सहायता पहुंचाई जाती है। पतंजलि के सभी संगठनों का प्रत्येक कार्यकर्ता देश की किसी भी आपदा जैसी स्थिति में अपने आप को पूर्ण रूप से समर्पित कर देता है| पतंजलि संस्थान देश की किसी भी आपदा की स्थिति में तन, मन और धन से हमेशा समर्पित रहा है|

देश में जब-जब प्राकृतिक आपदा आई है चाहे वह 2004 की सुनामी हो, चाहे 2008 की बिहार की बाढ़ हो या 2013 की केदारनाथ त्रासदी हो पतंजलि योगपीठ ने हर समय आपदा पीड़ितों की मदद किसी भी गैर सरकारी संस्था से अधिक की है। यहां तक की देश के बाहर नेपाल भूकंप में भी पतंजलि ने वहां के लोगों की तुरंत मदद की।

बिहार में शताब्दी की सबसे बड़ी बाढ़ त्रासदी के कारण पीड़ित लोगों की सहायतार्थ पतंजलि योगपीठ विश्व के सबसे बड़े एन. जी. ओ. के रूप में सामने आया| बाढ़ पीड़ित जिलों में 50 से भी अधिक स्थानों पर बाढ़ सहायता राहत कार्यों का निष्पादन, जहाँ प्रतिदिन लाखों लोगों को निःशुल्क भोजन एवं वस्त्र आदि वितरित हुआ|

इसके अलावा 2018 में घनघोर प्राकृतिक आपदा की कहर झेल रहे केरल व कर्नाटक में आपदा राहत के लिए पतंजलि योगपीठ ने 2 करोड़ रुपये की तत्काल सहायता राशि की घोषणा की थी तथा पतंजलि की स्थानीय इकाइयां जैसे भारत स्वाभिमान ट्रस्ट और युवा भारत के माध्यम से राहत सामग्री को दूरदराज के क्षेत्रों तक आपदा पीड़ितों को पहुचने का कार्य कर रही थी|

बिहार में शताब्दी की सबसे बड़ी बाढ़ त्रासदी के कारण पीड़ित लोगों की सहायतार्थ पतंजलि योगपीठ विश्व के सबसे बड़े एन. जी. ओ. के रूप में सामने आया| बाढ़ पीड़ित जिलों में 50 से भी अधिक स्थानों पर बाढ़ सहायता राहत कार्यों का निष्पादन, जहाँ प्रतिदिन लाखों लोगों को निःशुल्क भोजन एवं वस्त्र आदि वितरित हुआ|

कोरोना आपदा में पतंजलि द्वारा 25 करोड़ का प्रधानमंत्री कोष में आर्थिक योगदान व लाखों कार्यकर्ताओं द्वारा सेवाकार्य-

आदरणीय प्रधानमंत्री जी जिन्होंने इस 135 करोड़ के देश को कोरोना की जंग लड़ने के लिए सिर्फ तैयार ही नहीं किया बल्कि संकल्प के साथ इस जंग को काफी हद तक जीता भी है और आज इस देश की सभी सामाजिक संस्थाएं, संगठन और आध्यत्मिक योग गुरुओं के साथ संवाद करते हुए कहा की सभी को इस वैश्विक त्रासदी से लड़ने के लिए साहयता करनी चाहिए। इसमें पतंजलि ने पहल करते हुए 25 करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता पतंजलि योगपीठ की ओर से प्रधानमंत्री राहत कोष में सहयोग के रूप में कंट्रीब्यूट करने के लिए हाथ आगे बढ़ाया था, क्योंकि पतंजलि का तो हमेशा से संकल्प ही प्रोस्पेरिटी फॉर चैरिटी रहा है। पतंजलि ने योग, आयुर्वेद, प्राकृतिक चिकित्सा और अनुसंधान के क्षेत्र में कम से कम 5 बड़े संस्थान इस देश दुनिया की सेवा के लिए पहले भी दिए है और कोरोना काल में 25 करोड़ रुपए की साहयता प्रधानमंत्री राहत कोष में पतंजलि की ओर से कंट्रीब्यूट किया गया था, साथ ही पतंजलि संस्थान के सभी कर्मचारियों द्वारा भी अपनी एक दिन की सैलरी प्रधानमंत्री राहत कोष में दान की गयी थी| इसके साथ ही पतंजलि के द्वारा संचालित सभी संगठनों के कार्यकर्ताओं द्वारा भी प्रधानमंत्री राहत कोष में आर्थिक सहयोग देने का आह्वान किया गया था|

जोशीमठ आपदा में राहत सामग्री वितरण

पतंजलि संस्थान द्वारा जोशीमठ आपदा में आपदा ग्रस्त परिवारों को राहत सामग्री का वितरण किया गया था, जिसमे खाद्य सामग्री से साथ साथ 2000 कम्बलों का भी वितरण किया गया था|