अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस प्रतिवर्ष 21 जून को मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र ने योग अभ्यास के कई लाभों को पहचानने और इसकी वैश्विक लोकप्रियता को बढ़ावा देने के लिए इस दिन की घोषणा की। यह विचार पहली बार 2014 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण के दौरान भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रस्तावित किया गया था।
27 सितंबर, 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा (यू एन जी ए) के 69वें सत्र को संबोधित करते हुए भारत के के माननीय • प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने विश्व समुदाय से अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने का आह्वान किया ।
श्री मोदी ने कहा, 'योग प्राचीन भारतीय परम्परा एवं संस्कृति की अमूल्य देन है। योग अभ्यास शरीर एवं मन, विचार एवं कर्म, आत्मसंयम एवं पूर्णता की एकात्मकता तथा मानव एवं प्रकृति के बीच सामंजस्य स्थापित करता है। यह स्वास्थ्य एवं कल्याण का पूर्णतावादी दृष्टिकोण है। योग मात्र व्यायाम नहीं है, बल्कि स्वयं के साथ, विश्व और प्रकृति के साथ एकत्व खोजने का भाव है। योग हमारी जीवनशैली में परिवर्तन लाकर हमारे अन्दर जागरूकता उत्पन्न करता है तथा प्राकृतिक परिवर्तनों से शरीर में होने वाले बदलावों को सहन करने में सहायक हो सकता है। आइए हम सब मिलकर योग को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में स्वीकार करने की दिशा में कार्य करें।
11 दिसंबर, 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 193 सदस्यों ने रिकॉर्ड 177 सह-समर्थक देशों के साथ 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने का संकल्प सर्वसम्मति से अनुमोदित किया। अपने संकल्प में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने स्वीकार किया कि योग स्वास्थ्य एवं कल्याण के लिए पूर्णतावादी दृष्टिकोण प्रदान करता है। योग विश्व की जनसंख्या के स्वास्थ्य के लिए तथा उनके लाभ के लिए विस्तृत रूप में कार्य करेगा। योग जीवन के सभी पहलुओं में सामंजस्य बैठाता है और इसीलिए, बीमारी रोकथाम, स्वास्थ्य संवर्द्धन और जीवन शैली-संबंधी कई विकारों के प्रबंधन के लिए जाना जाता है।
आज, जबकि योग के महत्त्व को जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में महसूस किया जा चुका है अधिकांश योग छात्र और योग साधक योग की गहन समझ, दार्शनिक आधार और योग अभ्यासों की ओर अग्रसर हो रहे हैं।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर, दुनिया भर के लोग विभिन्न योग कार्यक्रमों, कक्षाओं और कार्यशालाओं में भाग लेते हैं। इस दिन का उद्देश्य योग के लाभों के बारे में जागरूकता बढ़ाना और लोगों को बेहतर स्वास्थ्य और कल्याण के लिए इसे अपने दैनिक जीवन में शामिल करने के लिए प्रोत्साहित करना है। उत्सव में अक्सर सामूहिक योग सत्र, प्रदर्शन और संतुलित और सामंजस्यपूर्ण जीवन शैली को बढ़ावा देने में योग के महत्व पर चर्चा शामिल होती है।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर पतंजलि के संगठनों (भारत स्वाभिमान ट्रस्ट, महिला पतंजलि योग समिति, युवा भारत) द्वारा व्यापक स्तर पर योग कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। ये कार्यक्रम 500 से अधिक जिलों और 5000 से अधिक तहसीलों में आयोजित होते हैं, जिनका उद्देश्य योग के महत्व को जन-जन तक पहुँचाना और स्वस्थ जीवन शैली को प्रोत्साहित करना होता है। पतंजलि का यह प्रयास योग को अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाने के लिए किया जाता है, ताकि वे अपने शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य को बेहतर बना सकें।
इन कार्यक्रमों में योग के विभिन्न आसनों, प्राणायाम और ध्यान का अभ्यास कराया जाता है और उनसे होने वाले लाभों के बारे में बताया जाता है, जिससे लोग तनाव मुक्त और स्वस्थ जीवन जीने की ओर अग्रसर हो सकें। पतंजलिi और इसके सहयोगी संगठन योग के प्रचार-प्रसार के साथ-साथ स्वदेशी और प्राकृतिक चिकित्सा पद्धतियों को भी बढ़ावा देते हैं।