शहीद दिवस हमारे स्वतंत्रता संग्राम के वीर सपूतों के बलिदान को याद करने और उन्हें सम्मानित करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। यह दिन हमें उनकी वीरता और संघर्षों को याद दिलाता है और हमें प्रेरित करता है कि हम अपने देश के प्रति कर्तव्यों का निर्वहन पूरी ईमानदारी और समर्पण के साथ करें। शहीद दिवस का उद्देश्य न केवल शहीदों के प्रति सम्मान प्रकट करना है, बल्कि भावी पीढ़ियों को उनके बलिदान से प्रेरणा देना भी है ताकि वे देश के निर्माण में अपना योगदान दे सकें।
शहीद दिवस का आयोजन हमें हमारे इतिहास की उन महत्वपूर्ण घटनाओं और उन महान व्यक्तियों की याद दिलाता है जिन्होंने अपने जीवन की आहुति देकर देश को आजाद करवाया। यह दिन राष्ट्रीय एकता और अखंडता का प्रतीक है। शहीद दिवस के माध्यम से हम न केवल स्वतंत्रता संग्राम के नायकों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं, बल्कि उनके द्वारा सिखाए गए मूल्यों और आदर्शों को भी याद करते हैं।
शहीद दिवस हमें एकता, साहस और देशभक्ति की प्रेरणा देता है। यह हमें याद दिलाता है कि स्वतंत्रता की कीमत बहुत बड़ी होती है और हमें हमेशा उन लोगों का सम्मान करना चाहिए जिन्होंने हमें यह स्वतंत्रता दिलाने के लिए अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया।
23 मार्च 1931 को, महान स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह, शिवराम राजगुरु और सुखदेव को ब्रिटिश सरकार ने लाहौर जेल में फांसी दी थी। इन तीनों वीर सपूतों ने भारत की आज़ादी के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। इस दिन को पुरे भारत में "शहीदी दिवस" के रूप में मनाया जाता है। इस दिन संगठन द्वारा देशभर के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों व शहीद स्मारकों पर जाकर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जिसमें इन वीर सपूतों को श्रद्धांजलि दी जाती है।
भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर 1907 को पंजाब के बंगा गांव में हुआ था। उन्होंने छोटी उम्र में ही भारत की आज़ादी के लिए संघर्ष करना शुरू कर दिया था। भगत सिंह ने "लाहौर षड्यंत्र" के तहत ब्रिटिश अधिकारी जॉन सॉन्डर्स की हत्या में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
शिवराम हरि राजगुरु का जन्म 24 अगस्त 1908 को महाराष्ट्र के खेड़ गांव में हुआ था। वे एक क्रांतिकारी थे जिन्होंने भगत सिंह और सुखदेव के साथ मिलकर ब्रिटिश शासन के खिलाफ संघर्ष किया।
सुखदेव थापर का जन्म 15 मई 1907 को पंजाब के लुधियाना में हुआ था। वे भगत सिंह के करीबी मित्र और सहयोगी थे और उन्होंने हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन (HSRA) में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।