निःशुल्क योग शिविर

भारत सहित सम्पूर्ण विश्व में 100 करोड़ से अधिक लोगों तक तथा दुनियाँ के लगभग 200 देशों तक योग का संदेश पहुँचाने वाले महायोगी, युगद्रष्टा, क्रान्तिकारी राष्ट्रसंत जिन्होंने कैंसर, मोटापा, बी.पी, सुगर, आर्थराईटिस, अस्थमा एवं डिप्रेशन आदि रोगों से पीड़ित करोड़ों लोगों को रोग एवं नशा आदि से मुक्त कराके नया जीवन प्रदान किया है, साथ ही करोड़ों सोये हुए भारतीयों को स्वास्थ्य प्रदान कर उनके भीतर अपने स्वर्णिम अतीत एवं उज्जवल भविष्य के लिए स्वाभिमान जगाया है,

स्वास्थ है तो सब कुछ है, आपके पास लाखों-करोड़ों की दौलत एवं दुनियां में सब-कुछ है, लेकिन यदि आप स्वस्थ नहीं है तो सब-कुछ आपके लिए बेकार है। जिनके दर्शन की एक झलक पाने मात्र के लिए एवं आशीर्वाद के लिए दुनियाँ के बड़े-बड़े लोग भी तरसते हैं, ऐसे महान् योगी, सन्त हमारे बीच आ रहे हैं। आप सपरिवार आइये! और अपने परिचितों व मित्रजनों को भी साथ लेकर आइये! और एक स्वस्थ एवं आनन्दमय जीवन हेतु योग का क्रियात्मक प्रशिक्षण पाइये!

शिविर में आरोग्य के साथ-साथ आध्यात्मिक, पारिवारिक व सामाजिक मार्गदर्शन प्राप्त करके अपने जीवन को उत्सव बनाईये! यह देह रोगालय नहीं देवालय है। आज हाऊस, हॉस्पिटल एवं शरीर, मेडिकल स्टोर बनते जा रहे हैं। चारों तरफ बीमारियाँ महामारियों की तरह फैल रही हैं तनाव एवं लाईफ स्टाईल डिजीज से चारों तरफ रोगों का खतरा पसरा हुआ है।

योग शिविर के लाभ

  • पहले दिन से ही मोटापे से पीड़ित व्यक्तियों का वजन घटना शुरू हो जाता है तथा अंडरवेट लोगों का वेट बढ़ जाता है।
  • योग कक्षा में नियमित भाग ले से अधिकांश लोगों की बी.पी., शुगर, कोलेस्ट्रोल, कैल्सियम, आयरन, डिप्रेशन, गैस, कब्ज, ऐसिडिटी, एलर्जी, सिरदर्द व नींद की गोलियां छूट जाती हैं। साथ ही एच. आर.टी. आदि के लिए हार्मोन्स, खतरनाक पेन किलर्स व विटामिन्स की गोलियों से भी दो ही दिन में छुटकारा पाने का रास्ता मिल जाता है।
  • दो दिनों में आँख, नाक, कान, दाँत, गले, थायराइड, हार्ट, लीवर, किडनी, गर्भाशय (यूट्रेस) की गाँठ, सभी प्रकार के ट्यूमर, कमर, कुल्हा, घुटने आदि के ऑपरेशन से मुक्ति का मार्ग मिल जाता है।
  • योग करने हैपेटाइटिस, कोलाइटिस, ब्रोन्काइटिस, पेन्क्रियाटिस, इन्फर्टिलिटी, हृदयरोग, उदररोग, दमा, ओटोइम्युन डिजीज, वेरीकोज-वेन्स, रूमेटाइड-आर्थराइटिस, सोराइसिस, सफेद दाग, पथरी, एस.एल.इ., एम.एस., पैरालाइसिस, मिर्गी-दौरे एवं कैंसर जैसे खतरनाक व असाध्य रोगों में भी बहुत लाभ मिलता है।
  • योग कक्षा के माध्यम से आत्मोपचार व आत्मसाक्षात्कार, भगवान का ध्यान व दर्शन, सहज समाधि, मुक्ति की युक्ति, योग युक्त दृष्टि, कुण्डलिनी जागरण, अष्टांग योग, क्रिया-योग, संयम से समाधान एवं 100 वर्ष तक निरोगी जीवन जीने का मार्गदर्शन मिलेगा।