अपने आंदोलन को जारी रखते हुए जुलाई से सितंबर माह में युवाओं के लिए विशेष प्रशिक्षण शिविर हरिद्वार में आयोजित किये गये। 20 सितम्बर से स्वामी जी ने अपनी यात्रा का दूसरा चरण झाँसी के किले से प्रारम्भ किया था। झाँसी शहर के 1 लाख से अधिक लोगों ने भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने का संकल्प लिया था। उसके बाद यह दूसरा चरण बुन्देलखण्ड के पिछड़े माने जाने वाले क्षेत्र जैसे-हमीरपुर, आल्हा, ऊदल लैंड महोबा, पुखराया, उन्नाव, हरदोई, फरुखाबाद, एटा, इटवा से होते हुए उत्तराखंड के कोटद्वार से लेकर चमोली और पिथौरागढ़ आदि तक चला| भ्रष्टाचार के क्षेत्र में भारत स्वाभिमान की भूमिका आधारशिला की है। इस चरण में स्वामी रामदेव ने विदेशों में जमा काले धन को वैधानिक रूप से राष्ट्रीय संपत्ति घोषित कराने और लाखों-करोड़ों के हुए घोटाले में लिप्त मंत्रियों के खिलाफ कार्रवाई करने के बदले 4 जून, 2011 को दिल्ली के रामलीला मैदान में सोते हुए स्त्री-बच्चों पर यूपीए सरकार की दमनात्मक कार्रवाई की सचाई पूरे देश में पहुंचाई।
4 जून के काले अध्याय के एक साल पूरा होने पर 3 जून, 2012 को स्वामी रामदेव ने तृतीय चरण की अपने 'भारत स्वाभिमान' यात्रा की शुरुआत दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन से की। संपूर्ण उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, छत्तीसगढ, मध्यप्रदेश, पंजाब, राजस्थान, गुजरात, गोवा व हरियाणा में जनसभाओं के माध्यम से स्वामी रामदेव ने आम लोगों के मन में यह बैठा दिया कि यूपीए सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ कभी कार्रवाई नहीं करेगी। विदेशों में जमा काला धन भी वह कभी नहीं लाएगी, क्योंकि इसमें बड़े-बड़े नेता, नौकरशाह व कारोबारी शामिल हैं। इस चरण में रामदेव ने मतदाता जागरण अभियान की शुरुआत भी कर दी। शिविर व सभा में आने वाले हर व्यक्ति और हर कार्यकर्ता से उन्होंने शत-प्रतिशत मतदान करने-कराने का संकल्प लिया। स्वामी रामदेव की चौथे चरण की यात्रा 13 सितंबर, 2013 को दिल्ली से आरंभ हुई।
इससे पहले ही 7 सितंबर, 2013 को 'नरेंद्र मोदी नहीं तो भाजपा नही' का मंत्र देते हुए स्वामी रामदेव ने 8 सितंबर, 2013 को जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया। इसे भाजपा पर नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने के दबाव के रूप में देखा गया। स्वामी रामदेव ने पत्रकार वार्ता कर यह संकल्प दोहराया कि वे कांग्रेस के कुशासन का अंत करके ही हरिद्वार स्थित अपने पतंजलि योगपीठ में पैर रखेंगे। उनका यह संकल्प 18 मई, 2014 को पूरा हुआ जब 'मोदी सरकार' को बहुमत मिलने के बाद उन्होंने दिल्ली के ही तालकटोरा स्डेडियम में 'संकल्प पूर्ति' कर अपनी 'भारत स्वाभिमान यात्रा' का तत्काल समापन किया और 19 मई को हरिद्वार वापस लौटे।