पतंजलि वेलनेस सेंटर-उत्तर/पूर्व भारत की पहली एकीकृत समग्र स्वास्थ्य सेवा की पहल की गई। समाज सुधारक और पूरे भारत में सभी महिलाओं के लिए एक प्रेरणा, प्राइड ईस्ट एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड की सीएमडी, श्रीमती रिनिकी भुयान सरमा जी ने संेटर का उद्घाटन किया। 2 अक्टूबर, 2024 को परम पूज्य योगर्षि स्वामी रामदेव जी महाराज की पावन उपस्थिति में कार्यक्रम हुआ। पूर्वोत्तर भारत के मध्य में, माँ कामाख्या की पवित्र भूमि ओर ब्रह्मपुत्र नदी के तट पर स्थित, गुवाहाटी का केन्द्र, इस क्षेत्र में समग्र स्वास्थ्य देखभाल लाने में एक महत्त्वपूर्ण कदम का प्रतिनिधित्व करता है।परम पूज्य महापुरुष श्रीमंत शंकरदेवजी और श्रीश्री माधवदेव जी की शिक्षाओं से प्रेरित यह पहल, प्राचीन परम्पराओं को आधुनिक कल्याण प्रथाओं के साथ जोड़ती है।
परम पूज्य योगर्षि स्वामी रामदेव जी महाराज और परम पूज्य आयुर्वेद शिरोमणि परम पूज्य आचार्य बालकृष्ण जी महाराज के मार्गदर्शन में, पतंजलि वेलनेस गुवाहाटी योग, आयुर्वेद, पंचकर्म, षट्कर्म, जोंक थेरेपी, एक्यूप्रेशर, एक्यूपंक्चर सहित स्वास्थ्य सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करेगा।
केन्द्र का लक्ष्य स्वास्थ्य और कल्याण के लिए एक व्यापक, एकीकृत दृष्टिकोण प्रदान करना है। इस अवसर पर नव स्थापित सुविधा में बोलते हुए, परम पूज्य स्वामी जी महाराज ने केन्द्र की पेशकशों के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की और साध्वी देवस्वरूप जी, स्वामी जगतदेव जी एवं स्वामी समग्रदेव जी का परिचय दिया, जिनके मार्गदर्शन में यह केन्द्र कार्य करेगा। पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट असम और पूर्वोत्तर क्षेत्र में शिक्षा, जैविक खेती और पर्यावरण संरक्षण सहित विभिन्न पहलों में भी शामिल है। बोडोलैंड प्रादेशिक क्षेत्र (बीटीआर) में, भारतीय शिक्षा बोर्ड के तहत दो स्कूल- आचार्यकुलम् चिरांग में 500 से अधिक बच्चों और कुमारिकाटा में 700 से अधिक छात्र/छात्राओं को मुफ्त शिक्षा प्रदान कर रहे हैं। ऐसा ही एक स्कूल अरुचाचल प्रदेश के सिजोसा में चल रहा है। भारत सरकार शिक्षा बोर्ड प्राचीन और आधुनिक शैक्षिक प्रथाओं को एकीकृत करता है। इसके अतिरिक्त, कुमारीकाटा और चिरांग में जैविक खेती, गौ पालन और औषधीय पौधों की खेती परियोजनाएं चल रही हैं। कुमारिकाटा में 1,500 छात्रों के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर का स्कूल भी निर्माणाधीन है। परम पूज्य स्वामी जी महाराज ने कहा कि पतंजलि वेलनेस सेंटर की स्थापना से न केवल स्वास्थ्य को बढ़ावा मिलेगा बल्कि स्थानीय समुदाय के लिए रोजगार के महत्वपूर्ण अवसर भी पैदा होंगे।